नीलम गुलजार
नीलम गुलजार
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Do You Really Know Why You Scroll Through King’s Games?
हर स्पिन पर आपकी आत्मा कहती है — ‘अभी कबूं?’… मगर जब स्क्रॉल करते हुए पास होता है? राजा का सितार तोड़ा है, मगर गेम में सिर्फ़ ‘साइलेंस’ मिलती है। मेरी मम्मी कहती हैं — ‘चलोगे-संग्राम’! मुझे पता है… पहले स्पिन पर चाय पीकर सोय।
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2025-11-20 18:01:10
Presentación personal
मैं नीलम गुलजार, मुंबई की एक पुरानी स्वप्नद्रष्टा। मैं उन खोए हुए देवताओं के साथ पिछड़े के बहर के हिस्सा हूँ —— जहां प्रत्येक स्पिन, प्रेम का संग्रह होता है। मेरी कहानी में, पैसा नहीं, सच्चाई होती है। 🌅✨ (158 字)

